हरिद्वार में कई पत्नियां अपने पति की जासूसी करा रही है। इसके लिए उन्होंने प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी को कार्य सौंपा हुआ है। वही उनके वाहनों में जीपीआरएस तक लगाया हुआ है। ताकि उनको अपने पति की लोकेशन का पता चलता रहे। सोशल मीडिया के दौर पर आजकल हर दूसरा व्यक्ति फेसबुक, व्हाटसएप, और टवीटर पर सक्रिय रहता है। इस दौरान दूसरी महिलाओं से दोस्ती होना सामान्य बात है। महिलाओं से चैटिंग भी होती रहती है। पति की यही बात पत्नियों को पसंद नही आती है। जिसके बाद शक का कीड़ा दिमाग में प्रवेश कर जाता है। सोशल मीडिया पर पति की सक्रियता और दूसरी महिलाओं से बातचीत के बाद टकराव का दौर शुरू होता है। हालांकि पति अपनी बेगुनाही के तमाम सबूत पत्नी के सामने पेश करता है। लेकिन पत्नी की अदालत में वह आरोपी करार रहता है। ऐसी स्थिति में पति को रंगेहाथों पकड़ने और उनके खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाने की तैयारी शुरू होती है। उक्त महिलाएं इस कार्य को अंजाम तक पहुंचाने के लिए प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी की मदद लेती है। पति के वाहन में छिपे हुए स्थान पर जीपीआरएस फिट करा देती है। जिससे पति की लोकेशन मिलती है। इस लोकेशन को पुख्ता करने के लिए फोन पर बातचीत करती है। अगर पति ने झूठ बोला तो उसके आरोप पुख्ता होते जाते है। इस लोकेशन को तस्दीक कराने के लिए प्राइवेट एजेंसी के कर्मचारी पीछा कर चैक करते रहते है। पिछले कुछ अरसे से हरिद्वार में ऐसे कई मामले प्रकाश में आए है जिसमें पति पत्नी के बीच सोशल मीडिया की वजह से दरार पड़ने और उसके बाद जासूसी कराने की बात सामने आई है। वैसे सोशल मीडिया के कारण कई पति पत्नी तो कोर्ट के चक्कर भी लगा रहे है। पुलिस थानों में पति पत्नी के विवाद में सोशल मीडिया के कारण झगड़ा होने के कई मामले आते है। लेकिन पतियों की जासूसी कराने की घटनाएं बड़े शहरों में तो सुनने को मिलती रही है। हरिद्वार में भी अब पतियों की जासूसी होना आम बात हो गई। वैसे जीपीआरएस वाहन की सुरक्षा के दृष्टिगत काफी कारगर साबित हुआ है। लेकिन जासूसी के काम आयेगा ऐसी किसी ने उम्मीद नही की होगी।